शिशचितरकोशः
सचितरशबदकोश
कवीज क माधयम स शबदो का जञान करान वाला अदभत सचितर शबदकोश
शबदकोश एक बडी सची या ऐसा गरथ जिसम शबदो की वरतनी, उनकी वयतपतति, वयाकरणनिरदश, अरथ, परिभाषा, परयोग और पदारथ आदि का सननिवश हो. शबदकोश एकभाषीय हो सकत ह, दविभाषिक हो सकत ह या बहभाषिक हो सकत ह. अधिकतर शबदकोशो म शबदो क उचचारण क लिय भी वयवसथा होती ह, जस - अनतरराषटरीय धवनयातमक लिपि म, दवनागरी म या आडियो सचिका क रप म. कछ शबदकोशो म चितरो का सहारा भी लिया जाता ह. अलग-अलग कारय-कषतरो क लिय अलग-अलग शबदकोश हो सकत ह; जस - विजञान शबदकोश, चिकितसा शबदकोश, विधिक (काननी) शबदकोश, गणित का शबदकोश आदि. सभयता और ससकति क उदय स ही मानव जान गया था कि भाव क सही सपरषण क लिए सही अभिवयकति आवशयक ह. सही अभिवयकति क लिए सही शबद का चयन आवशयक ह. सही शबद क चयन क लिए शबदो क सकलन आवशयक ह. शबदो और भाषा क मानकीकरण की आवशयकता समझ कर आरभिक लिपियो क उदय स बहत पहल ही आदमी न शबदो का लखाजोखा रखना शर कर दिया था. इस क लिए उस न कोश बनाना शर किया. कोश म शबदो को इकटठा किया जाता ह.
परसतत कोश एक परयोग ह. विभिननपरकार क वयावहारिक शबदो का सगरह कर क उनका चितर सकलित कर क इस कोश का निरमाण किया जा रहा ह. यह मातर एक दिशा ह. इसस बचचो को खल खल क माधयम स शबदजञान हो जाता ह. शिकषा म करीडा विधि का परयोग बालको क लिए उततम माना गया ह. अतः इस एप म भी दो ऑपसन आएगा शबदजञान या चितर जञान. विकलप चयन करन पर शबद आएगा अथवा चितर तदनसार शबद या चितर का चयन कर. उततर सही होन पर उसका हिनदी अरथ भी परदरशित हो जाएगा. आशा ह यह परयास ससकत सीखन वालो क लिए सारथक सिदध होगा.